केन्द्र सरकार ने ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए इसकी उपलब्धता बढ़ाने, वितरण को सुचारू बनाने और भंडारण सुविधाओं में वृद्धि के कई उपाए किए हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा है कि समूची ऑक्सीजन आपूर्ति श्रृंखला पर ध्यान केन्द्रित करते हुए कदम उठाए जा रहे हैं।
इनमें ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने, टैंकरों की उपलब्धता में वृद्धि, भंडारण सुविधाओं में सुधार और खरीद प्रक्रिया को सुगम बनाना शामिल है। ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए इसकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि की गई है, पी एस ए संयंत्रों की स्थापना की गई है, विदेशों से तरल मेडिकल ऑक्सीजन आयात की गई है और ऑक्सीजन कनसेंट्रेटरों की व्यवस्था की गई है।
ऑक्सीजन की निगरानी के लिए डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम स्थापित किया गया है। ऑक्सीजन भंडारण में सुधार के लिए क्रायोजनिक टैंकरों की संख्या तथा क्षमता बढ़ायी जा रही है और मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर प्राप्त किए जा रहे हैं। महत्वपूर्ण सामग्री की खरीद के लिए सामान्य वित्तीय नियमों में ढील दी गई है।
ऑक्सीजन का उत्पादन पिछले वर्ष अगस्त में प्रतिदिन पांच हजार सात सौ मीट्रिक टन से बढ़ाकर इस महीने नौ हजार 446 मीट्रिक टन कर दिया गया। उत्पादन क्षमता प्रतिदिन छह हजार आठ सौ 17 मीट्रिक टन से बढाकर सात हजार तीन सौ चौदह मीट्रिक टन कर दी गई है।
इस दौरान उपयोग क्षमता 84 प्रतिशत से बढ़कर 129 प्रतिशत हो गई है।
देश की चिकित्सा ऑक्सीजन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सार्वजनिक और निजी, दोनों क्षेत्रों ने प्रयास तेज किए हैं। इस महीने की चार तारीख तक इस्पात संयंत्रों में तीन हजार छह सौ अस्सी मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन का उत्पादन किया गया।
अस्पतालों तथा अन्य चिकित्सा केन्द्रों के निकट ऑक्सीजन आपूर्ति बढ़ाने के लिए पांच सौ 94 पी एस ए संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। विदेशों से पचास हजार मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन आयात की जा रही है। प्रधानमंत्री केयर्स फंड से एक लाख ऑक्सीजन कनसेंट्रेटर खरीदने की मंजूरी दी जा चुकी है।