कलियुग ने अंत में भगवान विष्णु के कल्कि अवतार का इस जगह पर लेंगे जन्म, जानिए यह विशेषताएं

शास्त्रों में चार युग बताए गए हैं, जो कि सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग हैं। इन युगों का जिक्र करते हुए लिखा गया है कि कलियुग में भगवान विष्णु कल्कि अवतार में जन्म लेंगे और ये उनका आखिरी अवतार होगा, जो कि कलियुग के अंतिम चरम में आएगा।पुराणों में कलियुग और कल्कि अवतार के बारे में लिखा गया है कि कल्कि अवतार 64 प्रकार की कलाओं में निपुण होगा और ये सफ़ेद घोड़े पर सवार होकर संसार से पापियों का विनाश करेंगे।

इस जगह पर लेंगे जन्म

कल्कि अवतार का जिक्र श्रीमद्भागवत-महापुराण में भी किया गया है और एक श्लोक के जरिए ये बताया गया है कि आखिर ये किस जगह पर और किसके यहां जन्म लेने वाले हैं।

सम्भलग्राममुख्यस्य ब्राह्मणस्य महात्मनः।

भवने विष्णुयशसः कल्किः प्रादुर्भविष्यति।।

इस श्लोक में कहा गया है कि, शम्भल ग्राम में विष्णुयश नाम के एक ब्राह्मण होंगे। उनका दिल काफी बड़ा होगा और वो भगवतभक्ति पूर्ण होगा। उन्हीं के घर कल्कि अवतार का जन्म होगा।

वहीं कल्कि पुराण में भी यही लिखा गया है कि इनका जन्म शम्भल नामक ग्राम में विष्णुयश नाम के एक ब्राह्मण के यहां होगा। जिनकी पत्नी का नाम सुमति होगा। इन दोनों को जो पुत्र होगा जो कल्कि होगा। कल्कि अल्पायु में ही वेदादि शास्त्रों का पाठ करके महापण्डित बनेंगे। इसके बाद वो महादेव की उपासना करके अस्त्रविद्या प्राप्त करेंगे और धर्म की पुन:स्थापना करेंगे। कल्कि पुराण में इनके विवाह का भी उल्लेख किया गया है और लिखा गया है कि इनका विवाह बृहद्रथ की पुत्री पद्मादेवी के साथ होगा। आपको बात दें कि शम्भल ग्राम मुरादाबाद जिले का एक गांव है।

कल्कि अवतार का वर्णन और चित्रण

भगवान विष्णु का कल्कि अवतार देखने में कैसे होगा इसका जिक्र ‘अग्नि पुराण’ के सौलहवें अध्याय में मिलता है और इस पुराण में कहा गया है कि इनके पास तीर-कमान होगा और ये घुड़े पर सवार होंगे। जबकि कल्कि पुराण के अनुसार, इनके हाथ में चमचमाती हुई तलवार होगी और ये सफेद घोड़े पर सवार होंगे। बौद्ध, जैन और म्लेच्छों को पराजित कर सनातन राज्य की दोबारा स्थापना करेगा।

इस दौरान लेंगे जन्म

वायु पुराण के 98 वें अध्‍याय में लिखा गया है कि कलियुग जब अपने क्रम पर होगा तब कल्कि अवतार इस धरती पर जन्म लेंगे। वहीं वैष्णव ब्रह्माण्ड विज्ञान में लिखा गया है कि कल्कि अवतार हिन्दू भगवान विष्णु के दसवें अवतार होंगे और ये दुष्टों का संहार करेंगे। इनका संहार करने के बाद सनातन धर्म फिर से स्थापित होगा।

कैसे होगी कलियुग की पहचान

कलियुग के बारे में शास्त्रों में लिखा गया है कि कलियुग में इंसानियत का पतन होने लग जाएगा। धरती पर अधर्म बढ़ जाएगा। लोगों पापी हो जाएंगे। हर जगह केवल अंधकार ही होगा और मासूम लोगों पर काफी अत्याचार होगा। धरती पर बढ़ते इस अधर्म को रोकने के लिए भगवान विष्णु जन्म लेंगे और अधर्म को खत्म कर देंगे।

ऐसा माना जाता है कि इस समय धरती पर कलियुग ही चल रहा है और जैसे ही ये अपने परम पर पहुंच जाएगा तब भगवान विष्णु के इस अवतार का जन्म धरती पर होगा।