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2000 रुपए महीने की नौकरी से की थी शुरुआत, अब करते हैं 250 करोड़ का कारोबार

By Motion Today

May 03, 2021

हमें जीवन के हर मोड पर ऐसे लोगों की भीड़ दिखाई देगी की जो अपनी नाकाम जिंदगी का दोष भाग्य को देते रहते हैं और वे केवल अपनी परिस्थितियों को बुरा बताते हुए कहते रहते हैं कि शायद मेरे पास यह सब होता तो में ये कर पाता या यह बन सकता थ यदि वे दृढ़ संकल्प करके जीवन में कुछ करने की ठान लेते तो वे लोग हालात को अपने हिसाब से चलाते हैं. हमारी इसी बात का ठोस उदाहरण प्रस्तुत करती है, सफल बिजनेस मैन की यह कहानी, जिन्होंने अपने अत्यंत मुश्किल हालातों का सामना करते हुए ऐसा ऊंचा मुकाम हासिल कियाl की जहाँ पहुँचने के बारे में शायद कोई गरीब व्यक्ति सोच भी नहीं सकता है।

कैलाश चंद्र पात्रा

हम जिन की बात कर रहे हैं वो हैं ओडिशा की दक्षिण में रहनेवाले एक गरीब पीड़ित किसान परिवार में जन्में हुए कैलाश चंद्र पात्रा | कैलाश चंद्र और उनके परिवार ने जितने दुख झेले है उसकी तो हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। कैलाश चंद्र पात्रा के पिता जी अनाज की खेती करने वाले एक छोटे मोटे किसान थे और हमारे देश में छोटे किसानों की खेती स्थिति ऐसी होती है वो हम सबको पता है। जैसे अन्य किसानों की तरह वे भी सदैव कर्ज में ही डूबे रहते थेउनकेजब और जब स्थिति बहुत बदतर हो गए और कर्ज बहुत बढ़ गया तो उनके पिताजी इस कर्ज से परेशान होकर घर परिवार को मुश्किल हालातों में छोड़कर भाग गए तथा फिर कभी वापस नहीं आए। फिर उनके घर का खर्च उनका पूरा परिवार मिलकर बड़ी मुश्किल से चला रहा था।

उज्ज्वल भविष्य की कामना रखते हुए वे लोग तमाम संघर्षों और अभावों से जूझते रहे। अब एक अच्छी ज़िन्दगी पाने के लिए कैलाश के पास और कोई व्यवसायिक विकल्प नहीं रहा था तो अब सिर्फ़ एकमात्र शिक्षा द्वारा ही वे अपने जीवन को बदलने की आशा रखते थे तो इसलिए उन्होंने पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू किया। उनकी प्रारंभिक शिक्षा उसी झोपड़ी में रहते हुए पूरी हुई और फिर उन्होंने अपने आगे की पढ़ाई के लिए ट्यूशन पढ़ाकर पैसे जमा करना शुरू कर दिया था। फिर उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए एक सज्जन व्यक्ति ने उनकी सहायता की और वे कटक में आ गए, जहाँ उन व्यक्ति ने कैलाश को रहने हेतु किराया के बिना ही एक कमरा भी दिलवा दीया, 2000 रुपए महीने की नौकरी से ही शुरुआत की।

कैलाश अपने बलबूते पर कुछ करना चाहते थे, लेकिन उनके आर्थिक हालात उन्हें ऐसा करने की मंजूरी नहीं दे रहे थे। फिर उन्होंने एक दवा की कंपनी में बिक्री कार्यकारी के तौर पर नौकरी की, लेकिन उन्हें एक जॉब से भी संतुष्टि नहीं मिली और फिर यह नौकरी छोड़कर एक इलेक्ट्रॉनिक्सा ट्रेडिंग कंपनी में लग गए। इस इलेक्ट्रॉनिक कंपनी में उन्होंने 4 सालों तक काम किया और फिर उन्होंने फैसला किया कि अब वह अपना खुद का बिजनेस स्टार्ट करेंगे इसलिए यह जॉब भी छोड़ दी।

किराए की दुकान लेकर शुरू किया अपना छोटा-सा व्यवसाय

नौकरी छोड़ने के बाद कैलाश ने अपने फैसले पर कुछ विचार किया, क्योंकि वे अपना बिजनेस तो शुरू करना चाहते थे और उन्हें इलेक्ट्रॉनिक्स में ट्रेडिंग का अच्छा एक्सपीरियंस भी हो गया थ लेकिन अब उनके सामने पैसे की समस्या थी। महंगे इलेक्ट्रॉनिक सामानों में इन्वेस्टमेंट के लिए उनके पास पूंजी नहीं थी लेकिन उन्होंने अपने इरादे पक्के रखे और ठान लिया था कि अब कुछ करके ही दिखाना है और फिर कैलाश ने एक 40 वर्ग फुट की दुकान किराए पर लेकर टीवी एंटीना व बूस्टर डिवाइस इत्यादि कम मूल्य वाली इलेक्ट्रॉनिक चीजें लोगों को बेचना शुरू किया।

कैलाश अपने पास के शहर में जाकर किसी बड़ी दुकान से टीवी से सम्बंधित उपयोगी सामान खरीदते थे और फिर उसे कटक के दोलामुंडई में स्थित अपनी छोटी सी दुकान पर बेचा करते और इसी प्रकार से उनका काम चलने लगा, माना की उन्हें ज्यादा मार्जिन नहीं मिलता था, पर उस समय में टीवी सेट नए-नए आए थे तो लोगों को उससे जुड़ी चीजों की भी आवश्यकता पड़ती रहती थी और जिससे उनकी बिक्री ज्यादा होती थी।

अब करते हैं ₹250 करोड़ का कारोबार

अब वर्तमान समय में उनकी पात्रा इलेक्ट्रॉनिक्स नामक कम्पनी भारत के ओडिसा राज्य में प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पनियों में गिनी जाती है। कैलाशचंद्र पात्रा ने करीब सभी बड़े इलेक्ट्रॉनिक ब्रांड्स के साथ टाई-अप कर लिया ह। उन्होंने अपने कारोबार से बहुत नाम यामाया है और आज ओडिसा राज्य में उनकी 22 दुकाने हैं, जिनसे पिछले वित्त वर्ष में 250 करोड़ रुपयों का कारोबार हुआ। इतनी छोटी आयु में अपने पिता द्वारा छोड़ दिए जाने पर भी गरीबी व अनेक प्रकार की समस्याओं से लड़ते हुए किसी के द्वारा इतनी बड़ी सफलता प्राप्त करना वाकई में आश्चर्यजनक है।