हरियाणा के इस भैंसे के शौक भी राजा महाराजाओं जैसे नहीं हैं। हालाँकि वह किसी राजा या महाराजा का बेटा नहीं है, लेकिन उसके शौक़ जज़्बाह हैं। वह प्रति दिन लगभग 3,000 रुपये खर्च करता है और हाल ही में एक राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है। मालिक इससे नब्बे लाख रुपये कमाता है।
इस भैंसे का नाम इसके मालिक ने सुल्तान रखा है। इसका वजन लगभग बारह सौ किलो है। इसकी ऊंचाई लगभग 4 फीट है। इस भैंसे के मालिक का नाम नरेश है। वे कहते हैं कि यह मुरा नस्ल का एक लंबा और ऊँचा चिल्ला है। नरेश ने इसे दो लाख रुपये में खरीदा था। उन्होंने इसे दो लाख चालीस हजार रुपये में खरीदा था। वर्तमान में वह 3 साल और 10 महीने का हो गया है।
उसका आहार क्या है?
सुल्तान के दिन की शुरुआत देसी घी से होती है। वह एक दिन में लगभग दस लीटर दूध पीता है। वह दिन भर में दस गढ़वाले अनाज पबों की तरह खाता है। यह एक दिन में तीस किलों को सुखी घास खाता है। वह हर दिन फल खाता है। वह कभी कबार सेब और गाजर भी खाता है।
ये सप्ताह के हर दिन अलग-अलग ब्रांड की शराब पीते हैं। ब्लैक डॉग इस सोमवार, वह मंगलवार को शराब नहीं पीता है। उस दिन वह ड्राई डे मनाते हैं। बुधवार को ये सौ पीपर, गुरुवार को बेलेनटाइन, शुक्रवार को ब्लैक लेबल, शनिवार को शिवास रीगल और रविवार को उन टीचरों के ब्रांड पीते हैं।
मालिक बताता है कि वह इस एक वर्ष के दौरान तीस वीर्य की खुराक देता है। इसकी एक खुराक पर तीन सौ रुपये खर्च होते हैं। साल के अंत में, यह 50 लाख रुपये का है। कोई जानवर इतना खा सकता है। इसने कई पुश प्रतियोगिताओं में भाग लेकर राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार भी जीते हैं। वर्ष 2016 में, उन्होंने करनाल में आयोजित राष्ट्रीय पशु सौंदर्य प्रतियोगिता जीती थी, बाद में उन्होंने हिसार में राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था।
सुल्तान के मालिक नरेश ने उसे अपने बच्चे की तरह पाला है, वह उसे अपना बेटा मानता है। वह उसके परिवार का सदस्य है। वह कहता है कि हर कोई उसे सुल्तान के नाम से जानता है। कुछ लोगों ने इसे खरीदने के लिए करोड़ों रुपए देने का दावा भी किया था, लेकिन सुल्तान ने इसे साझा करने से इनकार कर दिया।
कुछ समय पहले एक विदेशी ने 21 करोड़ रुपये तक भैंसे का मूल्यांकन किया था। उसके तबेले मे मुर्रा नस्ल की लगभग 15 भैंसें भी है।