बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने मोदी सरकार के लोकतांत्रिक और विकासशील भारत की झलक पेश किए जाने पर संदेह जताया है। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में राजन ने कहा कि मोदी सरकार में सिर्फ एक छोटा सा गुट सारे फैसले ले रहा है जबकि नौकरशाहों को दरकिनार कर दिया है। दरअसल दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के सालाना सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकतांत्रिक और विकासशील भारत की झलक पेश की थी। जिसपर रघुराम राजन ने सवाल उठाए हैं।
नया नहीं है तकरार
मोदी सरकार से रघुराम राजन की तकरार कोई नई बात नहीं है। इससे पहले नोटबंदी समेत कुछ और मु्द्दों पर राजन ने खुलकर सवाल उठाए हैं। नोटबंदी पर तो राजन ने यहां तक कह दिया गया था कि रिजर्व बैंक की मर्जी के बिना यह फैसला लिया गया था।
दावोस में मोदी ने क्या कहा
दरअसल, रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने दावोस में प्रधानमंत्री के उस बयान पर सवाल उठाया जिसमें नरेंद्र मोदी ने कहा था, ‘भारत में लोकतंत्र, बहुरंगी आबादी और गतिशीलता (डिमॉक्रेसी, डिमॉग्रफी ऐंड डायनमिजम) देश का भाग्य तय कर रहे हैं और इसे विकास के रास्ते पर अग्रसर कर रहे हैं। जिस पर राजन ने कहा कि हमें यह पूछने की भी जरूरत है कि क्या चीजें बहुत ज्यादा केंद्रित हो रही हैं और क्या हम लोगों के एक छोटे से समूह द्वारा अर्थव्यवस्था को चलाना चाहते हैं तथा क्या हमारे पास 2.5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी को मैनेज करने की पर्याप्त क्षमता है।
आधार की निजता पर भी बोले राजन
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने सरकार को आधार की निजता की सुरक्षा को लेकर भी चेतावनी दी। उन्होंने कहा, ‘हमें लोगों को भरोसा दिलाना होगा कि उनके डेटा सुरक्षित हैं। आसानी से डेटा उपलब्ध होने की खबरें चिंताजनक हैं और इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।