चारा घोटाला मामले में लालू दोषी करार, कोर्टरूम के बाहर समर्थक रोए

देश को हिला कर रख देने वाले बिहार के चर्चित चारा घाटोला मामले में रांची की विशेष अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दे दिया.

नई दिल्ली। चारा घोटाले में फंसे राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है। सजा का एलान 3 जनवरी 2018 को होगा। जैसे ही ये खबर कोर्टरूम से बाहर आई तो वहां मौजूद लालू समर्थक रोने लगे। समर्थकों ने रोते हुए कहा ये क्या हो गया, हमारे नेता तो सजा हो गई। आपको बता दें कि सुबह से ही लालू समर्थक वहां डटे हुए थे। लालू के अलावा अन्य 14 आरोपियों को भी दोषी करार दिया गया है। ये केस 1994 से 1996 के बीच देवघर जिला कोषागार से फर्जी तरीके से निकाले गए 84.5 लाख रूपये से जुड़ा हुआ है।

इस फैसले के बाद लालू यादव कोर्ट से सीधे रांची की जेल जाएंगे। लालू यादव चारा घोटाले में मुख्य अभियुक्त थे और उनके ऊपर देवघर कोषागार से फर्जीवाड़ा कर 89 लाख रूपये निकालने का आरोप है। उन पर तीन जनवरी को सज़ा का ऐलान किया जाएगा। इसके बाद अब ये तय है कि लालू यादव को नया साल जेल में ही गुजारना होगा। फैसले के फौरन बाद पुलिस ने लालू यादव को अपने कब्जे में ले लिया है।

रोने लगे समर्थक
कोर्ट के बाहर लालू यादव के समर्थक भारी संख्या में मौजूद थे. जैसे ही कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया तो तमाम समर्थक रोने लगे. हालांकि पुलिस ने समय रहते आस पास का इलाका खाली करा दिया था. भारी मात्रा में पुलिसवाले मौके पर पहुंचे थे और समर्थकों को कोर्ट के बाहर से हटा दिया था.

साल 1990 से हुई थी चारा घोटाले की शुरुआत
बता दें कि चारा घोटाले की शुरुआत साल 1990 से हुई थी, जब लालू बिहार के मुख्यमंत्री थे. बिहार के पशुपालन विभाग में फर्जी बिल देकर चारे के नाम पर रकम निकाली गई थी. फर्जीवाड़े में अधिकारी, ठेकेदार और नेता तक शामिल रहे. चारा के नाम पर सालों तक फर्जीवाड़ा होता रहा. चारा घोटाले में लालू यादव पर कुल छह केस दर्ज हैं.