संकट के समय ज्यादातर लोग आमतौर पर सारा दोष सरकार पर मढ़ देते हैं। अधिकांश लोग अधिकार चाहते हैं लेकिन कर्तव्य नहीं। हालांकि, कई लोग ऐसे भी हैं जो राष्ट्र के प्रति अपना कर्तव्य बखूबी निभाते हैं। कोरोना के कहर के बीच सरकार मास्क और सामाजिक दूरी रखने की मांग कर रही है। फिर भी एक का मालिक होना अभी भी औसत व्यक्ति की पहुंच से बाहर है। हालांकि ऐसा ही खूबसूरत मामला भुज में सामने आया है। जिससे आपका मन प्रसन्न हो जाएगा।
कोरोना काल में सरकार ने शादी में सिर्फ 50 लोगों को ही शामिल होने की इजाजत दी थी। उस वक्त भुज में एक शादी हुई थी जिसमें सिर्फ 12 लोग शामिल हुए थे।
गुजरात भुज के वरिष्ठ विधायक दर्शनभाई बुच की बेटी मुरली की शादी कोरोना की हालत के बावजूद अपने ही घर में हुई थी।इस मौके पर दूल्हा-दुल्हन, उनके माता-पिता और बहुत करीबी लोगो को मिलाकर कुल 12 लोग मौजूद थे।
हालांकि, 12 लोगों की मौजूदगी में बेटी को संबोधित करना पिता के लिए आसान फैसला नहीं था। मीडिया से बातचीत में पिता दर्शनभाई ने कहा कि बेटी को विदाई देते समय रिश्तेदारों या करीबी दोस्तों की उपस्थिति पिता के लिए विशेष रूप से दिल को छू लेने वाली होती है लेकिन मौजूदा हालात के मुताबिक परिजनों की मौजूदगी में ही सीने पर पत्थर रखकर बेटी को राजकोट भेज दिया गया।
भुज के ओरिएंट कॉलोनी में होने वाली शादी के लिए ऑनलाइन आवेदन को भी मंजूरी दी गई थी। इतना ही नहीं, शादी से एक रात पहले भुज के बी डिवीजन के पुलिस कर्मी भी निरीक्षण के लिए पहुंचे थे।
बुच परिवार के इस फैसले की हर कोई तारीफ कर रहा है। देश में मुश्किल समय में बुच परिवार की सामाजिक जिम्मेदारी की सराहना की जितनी तारीफ़ की जाए उनती कम है।